Sunday, January 20, 2008

तो समझ लो कि आज होली है।

जबकि हवा फागुनी
बहार बन के छाने लगे,
जब कली देख कोई
भँवरा गुनगुनाने लगे,
जब कोई देखकर
उपवन लगे रंगोली है।
तो अपने आप समझ लो
कि आज होली है।

प्यार बरसाने का भरपूर
रंग दिखाने लगे,
जबकि राधा को
मुरली वाला नजर आने लगे
भीगे रंगो में चूनर व
कहीं चोली है।
तो अपने आप समझ लो
कि आज होली है।

जब कहीं बसन्त की बहार
रंग दिखाने लगे,
बूढ़ा दरख्त भी
देख-देख ही बौराने लगे,
हर तरफ हो कहीं मस्ती
कहीं ठिठोली है।
तो अपने आप समझ लो
कि आज होली है।

जब कोई व्यक्ति
इन्सानियत दिखाने लगे,
अभी तो बात भी न हो
वो दिल मिलाने लगे,
छोड़ बन्दूक, तलवार
और गोली है।
तो अपने आप समझ लो कि
आज होली है।

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