Thursday, January 31, 2008

सफल होगी आराधना

विश्वास है
अन्तस में मेरे
और मन में
आस है
देर से होगी
मगर
होगी सफल आराधना ।

कब तलक
तपती रहेगी
यूं मेरी
ये साधना
देर से होगी
मगर
होगी सफल आराधना ।

ए सहज
तुझको निमंत्रण
है क्षितिज के पार से
देवता भी
कर रहे हैं
तेरे पथ की सराहना ।

कह रही है
माँ मेरी भी
मुझसे
ओ मेरे लालना !
देर से होगी
मगर
होगी सफल आराधना ।

साथ मेरे
चल रही है
मन की
निश्छल भावना
फिर भला कैसे
ना पूरी
होगी ये आराधना ।

मैं दुःखी नयनों को
सच्ची
दे सका जो सांत्वना
तो समझ लूँगा
सफल है
ये मेरी आराधना ।

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