Wednesday, January 30, 2008

कवि?

देश एक बार संकतो से था घिरा तो आप,
किसी नायिका के सपने सँजो रहे थे क्या?
और कहीं चाँदी के ही चन्द टुकड़ों के बीच,
धार लेखनी की अपनी डुबो रहे थे क्या?
सूर, तुलसी, कबीर, पन्त या निराला के ही,
पाकर वो सारे प्रतिमान खो रहे थे क्या?
कारगिल में ही घुसपैठ हो रही थी जब,
आप कहीं और घोड़ें बेंच सो रहे थे क्या?

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