Thursday, January 31, 2008

सिर्फ तेरे लिए

तुझको
भूला नही
एक पल के लिए
याद आती है तेरी
आंसू लिए
याद तो करती होगी
तू मुझको कभी
रो भी लेती हों
शायद
तू मेरे लिए ।

आंसू
तेरे है अनमोल
तेरे लिए
बहाना कभी भी ना
मेरे लिए
मैं हूँ कौन
जो रोये
तू मेरे लिए
एक मुसाफिर था
मैं बस
सफ़र के लिए ।

कभी रुकता था
राहों में
तेरे लिए
कभी सजता था
मैं सिर्फ
तेरे लिए
आज वो रुकना - सजना
गया है गुजर
याद आता तो
सिर्फ तेरे लिए ।

तू अपना ले
मुझको
नही चाहूँगा
सिर्फ चाहत की
तुझसे
रजा चाहूँगा
तेरी चाहत लिए
यूं ही
गुम जाऊंगा
एक मंजर हूँ
वक़्त आने पर
ढल जाऊंगा ।

बनके दीपक
मैं जलता रह
उम्र भर
खुद के दिल में
हमेशा
अँधेरा किये
रौशनी की
ललक में
मैं फिरता रह
सिर्फ पाने की
तुझको
हसरत लिए ।

मैं भी
बुझ सा गया
ना मैं फिर जल सका
किसी बाटी का
मुझको
ना सहारा मिला
फिर से जलने को
तैयार
तेरे लिए
तू जो कह दे
कि तू
सिर्फ मेरे लिए ।

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