बड़ा है प्यारा, मेरा भइया!
सबको अच्छा लगता है,
नन्हा-मुन्ना मेरा भइया॥
जन्मदिवस जब आता है,
नया वर्ष ले आता है!
'बाबा' की गोदी में बैठा,
गुन-गुन कर कुछ गाता है।।
सपन संजोये नए-नए,
हँसता और हँसाता है!
मम्मी-पापा-ताऊ संग,
चाचा को अति भाता है।।
मेरा भइया आया है,
केक, गुलगुला लाया है!
टाफी, बिस्कुट और चाकलेट
का फोटो खिंचवाया है॥
बुआ और दादी को प्यारा,
ताई की आंखों का तारा!
नाना-नानी कहें कहानी,
मेरा भइया है ध्रुवतारा॥
पढ़लिखकर विद्वान बने,
सबका ऊँचा मान करें!
सच बोले खेले-कूदे,
अच्छों का सम्मान करें॥
सबके मन को भाता है,
मन का सच्चा नाता है!
'अर्पित' भइया बने महान,
कविता-मन यह गाता है॥
- कु० वत्सला 'कविता'
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