सीधे-सादे सच्चे हैं!
अपनी धुन के पक्के हैं,
कर्मशील गुन छक्के हैं!!
कोई आँख दिखाये ना,
अपना सिर खुजलाये ना!
परमवीर हम बच्चे हैं,
सीधे-सादे सच्चे हैं!!
भेद-भाव की बात नहीं,
कोई कहीं भी घात नहीं!
मेलजोल की दुनिया है,
और हमें कुछ ज्ञात नहीं!!
स्वप्न सुहाने धरती के,
हम भारत के बच्चे हैं!
सबके मन को भाते हैं,
ईश्वर के गुण गाते हैं!!
अमर शहीदों की थाती के,
गीत अनूठे गाते हैं!
सत्य-अहिंसा-प्रेम लिए उर,
स्वाभिमान के सच्चे हैं!!
हम भारत के बच्चे हैं,
सीधे-सादे सच्चे हैं!
पापा जी बोले उस दिन-
हम तो धागा कच्चे हैं!!
- कु० वत्सला 'कविता'
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