eSetu.Net Backup Blog
Friday, January 18, 2008
हुआ सवेरा
सुबह हुई तो मुर्गा बोला।
अम्बर में चमका है गोला॥
चिड़ियों ने भी शोर मचाया।
फूल-कली में जीवन आया॥
किरणें जगमग-जगमग करतीं।
जीव-जन्तु में जीवन भरतीं॥
दिशा-दिशा में छिटकी लाली।
धरती पर छाई खुशहाली॥
चलती है ठंडी पुरवाई।
हुआ सवेरा देखो भाई॥
- अनिल किशोर शुक्ल 'निडर'
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment