Saturday, January 19, 2008

भारत-महिमा

(1)
कृष्ण के सनेह वाली मीराबाई भारत में,
सीता, सावित्री, अनुसुइया सी कहानी है।
मेरे घर लक्ष्मी हैं, दुर्गा भवानी जैसी,
तेरे यहाँ क्लिंटन की, मोनिका निशानी है॥
तू तो मदमस्त होके इतरा रहा है देख,
अब्दुल कलाम जैसा विश्व में न शानी है।
धिक्-धिक् क्लिंटन हैं मोनिका चरित्र तेरे,
भारत विवेकानन्द जागती जवानी है॥
(2)
भारती चरित्र है, पवित्रता के द्वारा पला,
गंगा की धवल धार चरण पखारती।
कश्मीर से कुमारी कन्या का स्नेह यहाँ
मातु वैष्णों की विश्व ने उतारी आरती॥
विन्ध्यवासिनी के सिंह की दहाड़ भारत में,
गौरी और काली मातु असुर संहारती।
यहीं है अमरनाथ, बद्रीनाथ धाम यहीं,
जहाँ हिमवारि शिवलिंग को संवारती॥
(3)
यहीं के है आजाद, अशफाक भगत सिंह,
शास्त्री सुभाष जैसी, भारत की शान हैं।
अब्दुल हमीद जैसे टैंक भेदी भारत में,
सत्य औ अहिंसा वाले गाँधी उपमान हैं॥
सूर जैसे शौर्यवाले चन्द्र जैसे तुलसी हैं,
श्याम के अनन्य भक्त कवि रसखान हैं।
अपने कबीर औ रहीम यहीं विद्यमान,
भारत में भूषण, निराला जैसा ज्ञान है॥
(4)
अपनी पुनीत बाल्मीकि की तपस्थली ही
भारत का आज इतिहास बतला गई।
जानकी पियारी, जानकी को त्याग राम यहीं,
लवकुश भक्ति, पितृशक्ति को झुका गई॥
वट तरु, छांह, कुण्ड, जानकी समाई मातु,
आज यह भूमि धन्य, धन्य कहला गई।
आज हूँ दरस रमणीक दिव्य दृष्यमान,
रघुकुल-रीति, जय-गान, गान गा गई॥
- उमाशंकर यादव

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