Tuesday, January 22, 2008

वीर सिपाही

हैं भारत के वीर सिपाही।
ये लड़ते हैं ये मरते हैं,
अपना लहू बहाकर निशि-
दिन सीमा की रक्षा करते हैं।
जो आंधी तूफानों में भी,
दुश्मन से जो लोहा लेते
लड़ते रहते जो कारगिल में,
वही देश के जिंदादिल हैं।
जो अपना सर्वस्व समर्पित-
कर देते सब कुछ खोते हैं।
देकर बेटे की भी आहुति,
जो दो आँस नही रोते हैं।
राष्ट्र भक्ति के जीवित
स्वर आधार वहीं हैं
देखा जाये तो सच्चे
अभिनन्दन के हकदार वही हैं
हैं माँ के सच्चे हमराहीं
ये भारत के वीर सिपाही।

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