सत्य-अहिंसा पर वे चलते।
सच को जिसने गले लगाया,
उसने निज जीवन महकाया।
भूदानी राधोवा प्यारे,
और बिनोवा भावे प्यारे।
सुभाषचन्द्र के तेवर प्यारे,
शास्त्री जी के न्यारे प्यारे।
जे० पी० को आदर्श मानकर,
राष्ट्र प्रेम पर वे हैं चलते।
कहलाते तब सच्चे बच्चे।
अच्छे बच्चे, सच्चे बच्चे॥
- जगन्नाथ वर्मा
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