Tuesday, April 10, 2007

नव वर्ष

नव वर्ष
हर्ष
उत्कर्ष

अभिनव विचार - विमर्श
जीवन ज्योति जगे
तिमिर भागे
मानवता
प्रेम में पगे
सुख-सुविधा-चरण धरे
दुःख - दैन्य दूर करे
गन्दली राजनीति
हे ईश्वर;

डूब मरे !

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