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Monday, April 9, 2007
मयखाने की हर शराब मुझसे पुछ रही है,
क्यों तेरी हर रात यों नशा सह रही है ?
मै नही वो, जिसने तुझे पागल है किया,
कोई और है, जो तेरी नसों मे बह रही है ।
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