Thursday, May 10, 2007

समस्या

आई है चिट्ठी इन्दौर से
सादर आमंत्रित है रचनाएं
प्रकाशनार्थ .....
लोकप्रिय कवि की सिरीज में
सहयोग राशि केवल पचहत्तर रूपये

बस, लोकप्रियता ..... ?
घर-बैठे !
सोच रहा हूँ .....
अवसर है नाम कमाने का
छपने छपाने का
साहित्य-जगत में आगे आने का .....
और दूसरी चिट्ठी बहिन,
भाई, माँ-पिता की !
जरूरतें बहुत-सी
कापी-किताबें, फ़ीस-कपडें
घर के तमाम रगडे .....

कनछेदन, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार .....
सबके सब एक साथ
हे राम ! अल्प वेतन भोगी
क्या करे ?
गनीमत है बीबी ?
अभी वेटिंग लिस्ट में ..... !!

No comments:

Post a Comment