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Friday, September 18, 2009
तिनके तिनके तूफ़ान में बिखरते चले गये,
तनहाई की गहराइयों में हम उतरते चले गये,
उड़ते थे जिनके सहारे आसमान में हम,
एक एक करके सब बिछड़ते चले गये।
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