eSetu.Net Backup Blog
Saturday, September 19, 2009
ज़ालिम तेरे ज़ुल्म की कोई हद नही,
तुझे मज़लूम की कोई फिक्र नही,
कोई जिये या मरे तेरे लिए,
तुझे इस की कोई फिक्र नही।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment