Friday, January 18, 2008

विदाई गीत

आ गई बेला विदा की,
नयन भर आये।
साथ रहना पंखियों सा चहचहाना।
कभी लड़ना रूठ जाना और मनाना।
नयन भी छलके,
हंसी के फूल बरसाये।
आ गई बेला विदा की,
नयन भर आये।

- मनोरमा पाण्डेय 'मनो'

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