Thursday, November 1, 2007

अब तक मेरी जिंदगी एक खुली बोतल थी,
जिसमे सब परफ्यूम की तरह उड़ जाता था,
पर अब आपके आने से सब रूक गया,
भगवन ऐसा 'ढक्कन' दोस्त सबको दे।

No comments:

Post a Comment