Friday, April 13, 2007

सन्ता पहली बार गाँव गया,
बस से उतरती ही मिटटी हाथ में उठाकर बोला, गाँव की मिटटी की खुशबू ही अलग है,
बंता बोला, साले ढंग से सूंघ गोबर हैं.

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