Tuesday, April 3, 2007

वजूद ना सही जिसका, वो हस्ती किस काम की,
जहाँ दिल ना लगे, वो बस्ती किस काम की,
आपकी याद आये और हम एसएमएस ना करे,
तो हमारी दोस्ती किस काम की।

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