Friday, March 23, 2007

अर्ज़ है ... हम भी तेरे लिए ताज महल बनायेंगे,
गौर फ़रमाइयेगा ... हम भी तेरे लिए ताज महल बनायेंगे,
एक कप सुबह और एक कप शाम को पिलायेंगे।

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