Saturday, March 17, 2007

दोस्ती यकीन पर टिकी होती हैं,
ये दीवार बड़ी मुश्किल से खड़ी होती हैं,
कभी फुरसत मिले तो पढना किताब रिश्तों की,
दोस्ती ख़ून के रिश्तों से भी बड़ी होती हैं।

No comments:

Post a Comment