eSetu.Net Backup Blog
Saturday, March 17, 2007
बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की ललक रहने दो,
आप भले ही रहो दूर नजरो से,
पर बंद आंखों में अपनी झलक रहने दो.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment